
इलैक्ट्रोनिक बाजार (Electronic Market Rate 2022) में दो साल से नहीं हो रही बिक्री के कारण इस साल अधिक बिक्री हुई हैं, अप्रैल के शुरु होते ही इलेक्ट्रोनिक बाजार में बिक्री बड़ी
अब गर्मी ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। मार्च की शुरुआत से ही उदयपुर में अधिकतम पारा 33 डिग्री से ऊपर बना हुआ है। पारा बढ़ने के साथ ही अब एसी, कूलर, पंखे, फ्रीज की डिमांड भी बढ़ने लगी है। इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार (Electronic Market Rate 2022) में दुकानों पर खरीदारों की भीड़ नजर आने लगी है। व्यापारियों का कहना है कि मौसम के जानकार इस बार रिकॉर्ड गर्मी पड़ने की संभावना जता रहे हैं। ऐसे में तेज गर्मी की शुरुआत से पहले ही बाजार सज गए हैं। वही दूसरी ओर 2 साल से लग रहे लोकडाउन को ध्यान में रखते हुए कंपनियों ने अपने माल का स्टाक नहीं किया। इसके चलते मार्केट में व्यापारियों को मुसीबत का सामना करना पढ़ रहा है क्योंकि मार्केट में इलेक्ट्रॉनिक सामानों की माग बढ़ रही है।
इस साल होगी इलैक्ट्रोनिक बाजार (Electronic Market Rate 2022) में अधिक बिक्री
बिक्री भी पिछले साल की तुलना में ज्यादा रहने की उम्मीद है। पिछले साल लाॅकडाउन के चलते लोग ज्यादा खरीदारी कर नहीं पाए थे। दुकानदारों का कहना है कि डिमांड और ट्रांसपोर्टेशन महंगा होने से इलेक्ट्रानिक आइटम के दाम भी 8 से 10 प्रतिशत बढ़ गए हैं। आगे भी दाम बढ़ने के आसार दिख रहे हैं। उदयपुर इलेक्ट्रानिक ट्रेड एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश शाह ने बताया कि बाजार में जिस हिसाब से फ्रिज, पंखे औैर डीप फ्रिज की डिमांड बढ़ी है, उसके मुकाबले सप्लाई नहीं मिल रही है। इलेक्ट्रॉनिक बाजार में इन दिनाें राेजाना डेढ़ से दाे कराेड़ रुपए की बिक्री हाे रही है। अगले पांच से सात दिनाें में बाजार में और तेजी आने की उम्मीद है। डिमांड काे देखते हुए शाेरूम संचालकों ने प्राेडक्ट मंगाना शुरू कर दिए हैं।
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इलैक्ट्रोनिक बाजार में (Electronic Market Rate 2022) दाम बढ़े , लेकिन मांग बेअसर
स्टील और कॉपर जैसे मेटल्स के दाम बढ़ने से मैन्युफैक्चरिंग लागत बढ़ी है । हायर अप्लायंसेस इंडिया के प्रेसिडेंट सतीश एनएस ने कहा कि हमें फ्रिज , वाशिंग मशीन और एसी की कीमतों में 5 से 6 % इजाफा करना पड़ा है । इसके बावजूद इस साल बिक्री में अच्छी बढ़ोतरी की उम्मीद है ।
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इलैक्ट्रोनिक बाजार के साथ मटकों पर भी महंगाई का असर
गर्मी को देखते हुए इलेक्ट्रॉनिक आइटम के साथ देसी फ्रीज कहे जाने वाले मिट्टी के मटकों की भी डिमांड बढ़ गई है। सड़क किनारे मटकों के बाजार सज गए हैं। शास्त्री सर्कल पर दुकान लगाने वाले अनिल प्रजापत ने बताया कि इस बार नल वाली मटकी की ज्यादा बिक्री हाे रही है। अभी राेजाना 1000 से 1500 रुपए की बिक्री हाे रही है। ग्राहक 100 से 250 रुपए तक के रेंट के मटकाें की खदीदारी ज्यादा कर रहे हैं। नल वाली मटकों की सप्लाई अहमदाबाद से हो रही है। व्यापारी अजमेर और ब्यावर से भी माल मंगवा रहे हैं। पिछले साल काेराेना काल में लॉकडाउन के चलते मटकों की बिक्री नहीं हो पाई थी।
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देश में बढ़ती महंगाई का असर मटकों पर भी देखने को मिला है। इस बार मटकों के दामों में अच्छा खासा इजाफा हुआ है। कोरोना काल में लोगों ने ठंडे पानी से परहेज किया था, लेकिन पिछले साल की तुलना में इस साल मटकों के दाम दोगुने हो गए हैं। मटका विक्रेता इसे महंगाई का असर बता रहे हैं। वहीं खरीददारी करने आए ग्राहकों का कहना है कि मटकों के दाम दोगुने हो गए हैं। सामान्य मटके 70-80 रुपए और कैंपर की तरह बने नल वाले मटके 150-180 रुपए तक बिक रहे हैं।
गर्मियों में बढ़ी मटकों की मांग
इस बार गर्मी ने शुरुआत में ही अपना प्रचंड रूप दिखाना शुरू कर दिया है। आलम ये है कि तापमान अभी 42 डिग्री के करीब पहुंच गया है। अप्रैल में ऐसे हालात देखकर माना जा रहा है कि मई-जून के महीनों में प्रचंड गर्मी पड़ेगी। वहीं गर्मी के मौसम में बाजार के बीच सजी मटकों की दुकानों पर मांग बढ़ने लगी है। हालांकि, इस बार मटकों की कीमतें भी लोगों का पसीना निकाल रही है।
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