
RBI के जारी एक नोटिफिकेशन के अनुसार अब (UPI Pyment Transfer Update 2022) यूजर्स को अब हर पेमेंट पर चुकाना होगा चार्ज
UPI Pyment Transfer Update 2022 | आज कल UPI का इस्तेमाल भारत में बहुत ही ज्यादा हो रहा है। एक यह बात है की आज तक UPI से पेमेंट ट्रांसफर करने पर अभी तक आप को कोई चार्ज नहीं देना होता था। लेकिन अब आप को इसके लिए आप को भुगतान करना होगा। केंद्रीय बैंक UPI प्रणाली का उपयोग करके पैसे के हर लेनदेन के लिए शुल्क पर विचार कर रहा है। दोस्तो हम आप को इसकी सारी जानकारी देंगे।
RBI का )UPI Pyment Transfer Update 2022) यह है प्रस्ताव
RBI के नए प्रस्ताव के टॉपिक “Discussion Paper on Charges in Payment Systems” में बताया गया है कि इसका उद्देश्य UPI बुनियादी ढांचे के निवेश और संचालन की लागत की वसूली की संभावना की जांच करना है। RBI ने बताया कि UPI का उपयोग करके फंड ट्रांसफर IMPS (तत्काल भुगतान सेवा) की तरह है, इसलिए यकीनन, UPI को फंड ट्रांसफर के लिए IMPS के समान शुल्क लगाना चाहिए।
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RBI ने क्या दिया सुझाव
UPI Pyment Transfer Update 2022 | ने सुझाव दिया कि यूपीआई भुगतान पर अलग-अलग राशि के ब्रैकेट के आधार पर एक टियर चार्ज लगाया जा सकता है। केंद्रीय बैंक के अनुसार, UPI एक फंड ट्रांसफर सिस्टम है जो फंड के रियल-टाइम मूवमेंट को सक्षम बनाता है।
दूसरे शब्दों में, बैंकों को निपटान जोखिम से निपटने के लिए PSO की सुविधा के लिए पर्याप्त प्रणाली स्थापित करने की जरूरत है। इसलिए, यह बैंकों के बहुत सारे निवेश और संसाधनों का उपयोग करता है, जिससे अतिरिक्त लागतें आती हैं। इसके अतिरिक्त, आरबीआई डेबिट कार्ड लेनदेन पर शुल्क लगाने का इरादा रखता है। RBI ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस तरह के बुनियादी ढांचे की स्थापना और संचालन की लागत कौन वहन करे यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। RBI डेबिट कार्ड लेनदेन पर एक निश्चित मूल्य लगाना चाहता है, जो अब तक मुफ्त है क्योंकि पेपर पूरी भुगतान प्रणाली की स्थापना में होने वाली लागतों को चुकाने पर चर्चा करता है।
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आईएमपीएस की तरह यूपीआई (UPI Pyment Transfer Update 2022) पर भी लगे चार्ज
दरअसल रिजर्व बैंक पेमेंट सिस्टम्स के डेवलपमेंट और पेमेंट के सेटलमेंट के लिए तैयार की गई बुनियादी संरचना की लागत को वसूल करने के विकल्प तलाश रहा है। पेपर में कहा गया है कि यूपीआई भी आईएमपीएस (IMPS) की तरह एक फंड ट्रांसफर सिस्टम है। इस कारण यह तर्क दिया जा सकता है कि यूपीआई के लिए भी आईएमपीएस की तरह फंड ट्रांसफर ट्रांजेक्शन पर चार्जेज लगने चाहिए। रिजर्व बैंक ने कहा है कि अलग-अलग अमाउंट के हिसाब से अलग-अलग चार्जेज निर्धारित किए जा सकते हैं।
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सेंट्रल बैंक (UPI Pyment Transfer Update 2022) ने गिनाई कई वजहें
रिजर्व बैंक ने यूपीआई के साथ ही डेबिट कार्ड से लेन-देन, आरटीजीएस (RTGS), एनईएफटी (NEFT) आदि के लिए चार्जेज को लेकर भी लोगों से टिप्पणियां मांगी है। पेपर में कहा गया है कि अगर रिजर्व बैंक डेबिट कार्ड पेमेंट सिस्टम (Debit Card Payment System), आरटीजीएस पेमेंट (Real Time Gross Settlement) और एनईएफटी पेमेंट (National Electronic Funds Transfer) के लिए चार्जेज वसूल करे तो यह अतार्किक नहीं होगा, क्योंकि इनके लिए बुनियादी संरचना तैयार करने में बड़ा निवेश किया गया है। इसे ऐसे नहीं देखा जाना चाहिए कि रिजर्व बैंक पैसे कमाने के विकल्प तलाश कर रहा है, बल्कि यह सिस्टम के डेवलपमेंट और ऑपरेशन के खर्च को वापस पाने का प्रयास है।
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